भाजपा के राह में रोडा बना आम आदमी पार्टी।

भाजपा के राह में रोडा बना आम आदमी पार्टी।
कभी आम आदमी पार्टी को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करने वाली भाजपा आज अपने चक्रव्यूह में फंसती नजर आ रही है। किसी ने सही ही कहा है जो जाल बनाता है वही एक दिन जाल में फंसता भी है। मोदी का नाम और गुजरात विकास मॉडल के जरिए दिल्ली का ताज हासिल करने का सपना कहीं सपनों में न रह जाए। किसी ने सही ही कहा है बीज बबूल का हो तो आम नहीं फलेगा। फिर बबूल के बीज में कितना भी पानी डालो आम नहीं फल सकता है।
समय स्थान और साधन के अनुसार परिवेश अपने आप परिवर्तित हो जाता है। फिलहाल समय साधन और स्थान सबकुछ कांग्रेस के पक्ष में है। सिर्फ मोदी को छोडकर। उदाहरण के रूप में आप कह सकते हैं समय 2014, साधन आम आदमी पार्टी जैसी पार्टी का साथ देना जिससे प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को लाभ और स्थान लोकसभा चुनाव। ये तीन बातें पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष्‍ा में दिखाई पड रही है। सवाल है कि क्या भ्रष्टाचार, महंगाई, रेप, सारे परिभाषा को आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस ने अपने पापों को गंगा में धो लिया है?
निष्कर्ष के रूप में कहें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि समय, स्था्न और साधन ये तीनों कांगेस के साथ है तो निश्चित रूप से 2014 में फिर कांग्रेस पूर्ण बहुमत में आएगी। भाजपा को सत्ता में देखने वाले लोग भाजपा को जीताने में नहीं आम आदमी पार्टी को हराने में अपना ध्यान केंद्रीत करें। आम आदमी पार्टी की 20 लोकसभा सीट, भाजपा को सत्ता में रोकने के लिए काफी होगा। इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिलेगा। कांग्रेस की तो पौबारह है।

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