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Showing posts from April, 2014

मीडिया और राजनीति का रंग।

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होली का रंग आसानी से एक दो दिन में छुट जाता है, राजनीति का रंग राजनीति के समय चढता है और उतर जाता है, अपने चरित्र पर चढा रंग बर्षों नहीं उतरता है और वर्षों लगने के बाद चढता है। सभी लोग किसी न किसी रंग में रंगना ज रूर पसंद करता है। रंग काला ही क्‍यों न हो रंगना सब कोई चाहता है। काला रंग अंधकार का प्रतिक माना जाता है लेकिन इसका भी अपना अलग मजा है। काले का आस्तित्‍व सफेद पर टिका होता है। सामान्‍यत: माना जाता है कि काला रंग शुभ नहीं होता है लेकिन काली कमाई को कभी भी अशुभ नहीं माना जाता है। ।काला का अपना आकर्षण एवं महत्‍व है। फिर चाहे काला धन हो या काली कमाई इसका आकषर्ण और महत्‍व सबसे अलग होता है। आज मीडिया भी बाजार का रूप ले चुका है ऐसे में हर कोई बोली लगा रहा है। दूसरे को धटिया बताकर अपने को उत्‍कृष्‍ट बता रहा है। आम जनता और जनजनहित के मुद्धे तो काेसों पीछे छुट गए हैं। प्रिंट मीडिया हो या इलक्‍ट्रानिक मीडिया दिन भर मोदी, राहूल और केजरीवाल जी की प्रतिभा दिखाने में लगा है जैसे आज तक इन तीनों के अलावा कोई नेता पैदा लिया ही न हो। समय है, टेलीविजन चैनलों के टीआरपी की समाचार पत्र के प्र

बलात्‍कार न करने की सलाह सपा सुप्रिमो मुलायम सिंह का कथन।

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बलात्‍कार आज के समझदार युवा गलती से कर देते हैं। उन्‍हें सम्‍मान देना चाहिए। फांसी नहीं देना चाहिए। आगे से उसे दूसरा बलात्‍कार न करने की सलाह देकर छोड देना चाहिए। दो बलात्‍कार में शामिल युवकों को समझाकर और तीसरे बलात्‍कर में उसके मां बाप को  बता देना चाहिए। यह देश हित में हैं। इससे देश तरक्‍की करेगा। जनसंख्‍या में बृद्धि होगी। जल्‍द ही भारत चीन को पीछे छोडकर विश्‍व में सबसे ज्‍यादा जनसंख्‍या वाला देश बन जाएगा। जनता को सोचना होगा कि अगर बलात्‍कार भारत में बंद हो जाएगा तो देश की जनसंख्‍या कैसे बढेगी। इस पर विचार करना चाहिए। कुछ यही दर्शा रहा है उत्‍तरप्रदेश के सपा सुप्रिमो मुलायम सिंह का कथन। मानना होगा बहुत ही उंच्‍च विचार रखते हैं। दिल खुला हुआ है। काश देश में हो रहे बलात्‍कार की धटनाओं में से कभी ये मौका इन नेताओं के परिवार में किसी के साथ हो। उस दिन पता चल जाएगा कि बलात्‍कार में शामिल लोगों को फांसी या सम्‍मान देकर विदा करना चाहिए। इस तरह की अप्रिय घटना ईश्‍वर न करे किसी के साथ हो लेकिन जब तक कुछ लोगों के साथ घटना घटित न हो जाए तब तक उसका दर्द उसे समझ नहीं आता है।

भीमराव अम्वेडकर

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   14 अप्रैल 1891, आज ही के दिन डॉ. भीमराव अम्वेडकर ने जन्म लिया था। आज पूरे देश में अम्वेड कर जयंती मनाई जा रही है। लोगों में खुशी की लहर है। बाबा साहेब ने पूरे देश को एक नई धारा में जोडने का काम किया है। बाबा साहब को दार्शनिक, राजनीतिक, इतिहासकार, अर्थशास्त्री आदी कई नामों से देश और विदेशों में जाना जाता है। अम्वेडकर जैसे महापुरूषों के विचारों से मनुष्य के जीवन में नई उर्जा का संचार होता है। यह संचार पूरे शरीर को मजबूती प्रदान करता है। अम्वेडकर जी ने देश को सम्बोधित करते करते हुए कहा था कि तुम्हीं भारत के मूलनिवासी और सहोदर भाई हो। कोई किसी से छोटा और बडा नहीं है। आज भी बाबा साहब के उच्य विचार हमारे बीच है। आप उनके विचारों के साधक बनें। मैं अपनी और से बाबा साहब की जयंती की ढेरसारी बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। बाबा साहब को अपने बीच पाने के लिए, देखने के लिए उनके विचारों और अनमोल वचन को आदर्श के रूप में अपनाएं।