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Showing posts from March, 2014

सत्‍ता से दूर होती दिख रही भाजपा।

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     सत्‍ता से दूर होती दिख रही भाजपा। भारत में कांग्रेस का इतिहास स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के साथ जुड़ा हुआ है। इसका गठन 8 दिसम्बर1885 में हुआ। भारत के राजनीतिक पटल पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उदय का इतिहास आज़ादी के पूर्व में जाता है,  जब वर्ष 1925 में डॉक्टर हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का गठन किया। राजनीतिक स्थिति को देखते हुए संघ परिवार ने राजनीतिक शाखा के तौर पर वर्ष 1951 में भारतीय जन संघ का गठन किया। देश के प्रथम चुनाव में इस पार्टी को राष्‍ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया गया। अब गौर करें तो हम पाते हैं कि कांग्रेस के पास 125 साल से ज्‍यादा का राजनीतिक अनुभव वहीं भाजपा,संध के पास 85 साल का अनुभव अपने आप में कई दशक को समेटे हुए है। जो यह दर्शाता है कि भारत की राष्‍ट्रीय पार्टियां अब तक भारत और इंडिया के फर्क को आसानी से समझने लगी है। हरबार की तरह इस बार भी 16वीं लोकसभा चुनाव में विकास का मुद्धा राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे उपर है। क्‍या विकास का पैमान सिर्फ चुनाव तक सिमित है या चुनाव जितने तक? कांग्रेस अब तक महंगाई,बेरोजगारी, भ्रष्‍टा

पार्टी में बढता मोदी क्रेज, बिगाड सकता है भाजपा का सियासी खेल।

पार्टी में बढता मोदी क्रेज, बिगाड सकता है भाजपा का सियासी खेल।  अपने कुशल कार्यों,गुजरात विकास मॉडल और चनाव प्रबंधन में महारत हासिल रखने वाले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार श्री नरेन्द्र मोदी जी का बढता कद, भाजपा को सियासी खेल में कांग्रेस से उपर लाकर खडा तो किया है। लेकिन अपने आप को गुजरात से बाहर साबित करना मोदीजी के लिए अब भी चुनौति है। आज मोदी की छवि पार्टी से उपर है। यहां तक की कई कांग्रेसी नेताओं ने भी मान लिया है कि लोकसभा चुनाव भाजपा से नहीं बल्कि मोदी बनाम कांग्रेस  है।              टिकट बंटवारें से शुरू हुई लोकसभा का संखनाद तो शुरू हो गया लेकिन भाजपा का गृह युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। टिकट बंटवारें में स्थानीय लोगों को हटाकर स्टार लोगों को टिकट देना भाजपा का फैसला गलत है या सही यह तो चुनाव परिणाम से साफ हो जाएगा। लेकिन आम जन में अपने प्रबंधन और जनसंपर्क में विशेषज्ञता हासिल रखने वाले मोदी जी को लेकर असंतोष की भावना उभरकर सामने आई है।              गौर करें तो बनारस, देवडिया,बेगुसराय,नवादा,भोपाल और लखनउ जैसे कई विधानसभा क्षेत्रों में पांच साल तक पार्टी के

होली का रंग और सियासी पारा

होली का रंग और सियासी पारा  जैसे जैसे होली का माहोल बनता जा रहा है। आमजन होली के रंग में रंगने लगे हैं ठीक उसी तरह से भारतीय राजनीति का सियासी पारा भी होली के बहाने एक पार्टी दूसरे पार्टी को काला करने में लग गया है। तैयारी सभी पार्टियों की  जोरों पर है। कौन किस पर भाडी परता है ये तो होली के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल एक मोदी पर वार करने के लिए कांगेस, आम आदमी पार्टी, जदयू, राजद के अलावा ममता जी, मुलायम सिंह के साथ अखिलेश जी, उत्‍तरप्रदेश को मजबूत बनाने के लिए और मोदी को रोकने के लिए मायावती जी भी मुलायम के साथ हैं। ऐसे में सभी पार्टी के नेताओं ने अपनी अपनी होली की बंदुकें सीधे गुजरात की और सेट कर दिया है। गुजरात से अकेले मोदी जी है ऐसे में सियासी पारा को देखते हुए तस्‍वीर साफ है कि इस बार पूरा गुजरात काले रंगों से काला हो जाएगा। प्रशासन ने आम लोगों पहले ही चेता दिया और कहा है कि चुनाव को देखते हुए आपलोग रंग और पानी कम खर्च करें। टीवी चैनलों के कई अनूभवी पत्रकारों ने अनुमान लगाया है कि इसबार गुजारात को छोडकर सभी प्रदेशों में पानी की समस्‍या हो जाएगी। और गुजरात में पानी का लेवल 1

आज अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस है।

आज अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस है। कम से कम एक दिन तो इसी बहाने महिलाओं के उत्‍थान और पतन पर चर्चा हो जाती है। आज देश के कई संस्‍थानों में महिलाओं से जुडी हुई तमाम समस्‍याओं का हल निकाला गया या निकाला जा रहा होगा। ऐसा लग रहा था जैसे आज के ब ाद महिलाओं के बारे में चर्चा करने के लिए कुछ बचेगा ही नहीं। सो सारे व्‍याख्‍याता ने एक एक करके महिलाओं से जुडी तमाम समस्‍याओं को अपने भाषण में हल कर दिया। हद तो तब हो जाती है जब कई व्‍याख्‍याता अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की समस्‍या से आम जन को अबगत कराता है। जैसे वह पत्‍नी से सारी समस्‍याओं को पूछ कर आया हो। जब अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर भी महिलाओं की समस्‍या को पुरूष सुना रहा हो तो आप समझ सकते हैं कि महिलओं को कितना स्‍थान दिया जा रहा है। आज के दिन भी सभा संगोष्‍ठी में कई महिलाएं अपनी बातों को रख नहीं पाई। कारण सभा में महिलाओं पर बोलने के लिए देश भर से पुरूष महिला विचारक को बुलाया गया था। ऐसे में सभाा संगोष्‍ठी होने से सच्‍चाई सामने नहीं आ पाती है। आज के दिन तो कई लोग महिला दिवस की बधाईयां और शुभकामनाएं देकर अपने को समाज के मुख्‍य धा