अलविदा इंदौर...



अलविदा इंदौर.. इंदौर आया भी था तो बारिश की बूंदों ने स्वागत किया था...मन अजीब सा हो रहा था लेकिन समय बीतता गया और मैं भी इंदौर की दुनिया में रमता चला गया ।            
एम.फिल. की पढ़ाई के दौरान बहुत सी नई अनुभवों को सीखा...
आज इंदौर को अलविदा करने का समय आ गया है...
यहां अध्यापन से लेकर शैक्षणिक गतिविधियों की बारीकियों को सीखने का मौका मिला...
यहां अध्यापन के दौरान अपने छात्र-छात्राओं से भी बहुत कुछ नया सीखने को मिला ।
मित्रों एवं गुरुजनों का सहयोग मिलता रहा जिसके लिए मैं सबका शुक्रगुजार हूँ...
                                                                                                आज से इंदौर की जीवंतता मेरी यादों में खो जाएगी...
                                                                                                          सभी के लिए मंगलकामनाओं के साथ.

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