लोकसभा चुनाव मे बढ़ती क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका

लोकसभा चुनाव मे बढ़ती क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका


देश मे अगले लोकसभा चुनाव 2014 मे होने जा रहे हैं , और सभी राजनीतिक  पार्टियों ने तैयारी  अभी से शुरू कर दी हैं! और इस बार गठबंधन की सरकार से भी इंकार नहीं किया जा सकता है! अभी लोकसभा चुनाव के 22 माह बाँकी हैं और सरकार किसकी होगी ये तो जनता तय करेगी !
मगर हाँ ये लोकसभा चुनाव मे क्षेत्रीय पार्टीयां  बड़ी ताकत बनकर सामने आ रही है  जो इस बार सरकार बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी 
वही आज आम जनता जिस तरह के माहौल मे जी रह रही है उससे तो सरकार के प्रति गुस्सा और रोस साफ झलक रहा है! क्योंकि आज चारो ओर भ्रष्टाचार,घोटाले ,महंगाई ,बेरोजगारी ,गरीबी बढ़ रही है और इसने आम जनता का जीना मुहाल कर दिया है इन्हिं बातो का नतीजा यूपीए सरकार को उत्तरप्रदेश सहित चार राज्यो मे झेलना पढ़ा है! चुनाव में अभी भी 22 मांह बाँकी है, प्रधानमंत्री जी आगर इस समय में आप सुधार कर सकते है तो गरीबी , महँगाई ,भ्रष्टाचार को समाप्त करके लोगो को राहत दे! क्योकि जनता को राहत चाहिए ,किसानो की आत्महत्या को बंद होनी चाहिए , लोगो को दो वक़्त की रोटी मिलनी चाहिए बेरोजगारो को रोजगार मिलना चाहिए,गरीब बच्चो को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए , यही तो चाहिए आम जनता को! तभी आप की ओर 2014 मे देश की जनता ध्यान देगी !
वही दूसरी ओर देश की मुख्य विरोधी पार्टी भाजपा भी सरकार बनाने की बात करती है! ये पार्टी  सरकार की  गलत नीतियो के खिलाफ आवाज तो उठाती है मगर डटकर विरोध नहीं करती, और कहती है कि हमारी सरकार नहीं है तो हम कुछ नहीं कर सकते, और इसमे आपस मे कार्यकर्ताओ मे थोड़ी तालमेल कि कमी  से अंदर ही अंदर खीचतान चलती रहती है इसका जनता पर बुरा प्रभाव पढ़ता है कि  अभी ये हाल है तो सरकार बनने पर क्या होगा ?और भाजपा संघ के इसारे पर चलने  वाली पार्टी है जिसे  इसके गठबंधन कि पार्टी व उनके  नेता इसे पसंद नहीं करते लोग कहते है कि इसी संघ के चलते भाजपा सही निर्णय नहीं ले पाती साथ ही कुछ समय पहले प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम सामने आने से पार्टी गठबंधन के कई नेता मोदी के खिलाफ खड़े  नजर आ रहे हैं! साथ ही लोग तर्क भी दे रहे है कि मोदी पूर्ण हिंदुवादी नेता हैं और लोकतन्त्र ये स्वीकार नहीं करता! वही मुस्लिम कहि न कहि मोदी को गुजरात दंगो का दोषी मानते है और वह मोदी के  पक्ष मे नहीं है अतः भाजपा मोदी के नाम को आंगे बढ़ा कर हिन्दुओ का कितना वोट खीच पाती है ये यो पता नहीं मगर मुस्लिमो के वोट खो देने का भय ज्यादा नजर आ रहा है!
वही देश मे अपनी वोट वैल्यू बीएसपी एसपी एनसीपी ये पार्टी भी रखती हैं साथ ही डीएमके टीएमसी आरजेडी एलजेपी आरएलडी ये तमाम पार्टीया सरकार बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही हैं! अतः देश कि दोनों बडी पार्टियों  को अपने क्षेत्रीय नेताओं और पार्टियों पर सरकार बनाने के लिए निर्भर होना पड़ सकता है अतः देश की दोनों बडी राजनीतिक पार्टियों को क्षेत्रीय पार्टियो के नेताओं से अभी से संबंधो को सुधारना चाहिए !




                                        
                                                                          विचारक  --  पंकज सोनी  (एम.ए. प्रथम छमाही)
                                                                                    संचार एवं मीडिया अध्‍ययन केंद्र
                                                                          महात्‍मा गांधी अंतरर्राष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविधालय
                                                                                              (वर्धा- महाराष्‍ट्र)

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