पार्टी में बढता मोदी क्रेज, बिगाड सकता है भाजपा का सियासी खेल।


पार्टी में बढता मोदी क्रेज, बिगाड सकता है भाजपा का सियासी खेल। 


अपने कुशल कार्यों,गुजरात विकास मॉडल और चनाव प्रबंधन में महारत हासिल रखने वाले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार श्री नरेन्द्र मोदी जी का बढता कद, भाजपा को सियासी खेल में कांग्रेस से उपर लाकर खडा तो किया है। लेकिन अपने आप को गुजरात से बाहर साबित करना मोदीजी के लिए अब भी चुनौति है। आज मोदी की छवि पार्टी से उपर है। यहां तक की कई कांग्रेसी नेताओं ने भी मान लिया है कि लोकसभा चुनाव भाजपा से नहीं बल्कि मोदी बनाम कांग्रेस है।
             टिकट बंटवारें से शुरू हुई लोकसभा का संखनाद तो शुरू हो गया लेकिन भाजपा का गृह युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। टिकट बंटवारें में स्थानीय लोगों को हटाकर स्टार लोगों को टिकट देना भाजपा का फैसला गलत है या सही यह तो चुनाव परिणाम से साफ हो जाएगा। लेकिन आम जन में अपने प्रबंधन और जनसंपर्क में विशेषज्ञता हासिल रखने वाले मोदी जी को लेकर असंतोष की भावना उभरकर सामने आई है।
             गौर करें तो बनारस, देवडिया,बेगुसराय,नवादा,भोपाल और लखनउ जैसे कई विधानसभा क्षेत्रों में पांच साल तक पार्टी के लिए काम कर रहे लोगों को छोडकर भाजपा ने स्टारों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। जिससे कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। साथ ही आडवाणी जी सहित पार्टी के वरिष्ट कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना पार्टी को महंगा पड सकता है। नई सोच और उम्मीद को अनुभव के सहारे ही पूरा किया जाता है। समय रहते महाप्रबंधक मोदी जी का ध्यान इस और नहीं गया तो भाजपा का सत्ता में आने का सपना, सपनों में न रह जाए।

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