स्टूडियो निर्देश


स्टूडियो निर्देश
किसी भी स्टूडियो में डायरेक्टर या प्रोड्यूसर और फ्लोर मैनेजर के बीच में एक कांच की दीवार होती है। इस दीवार के दोनों ओर बैठे व्यक्ति एक दूसरे को देख तो सकते हैं लेकिन सुन नहीं सकते। कई बार दूरी अधिक होने के कारण देखने में भी कठिनाई होती है। इसीलिए फ्लोर मैनेजर कैमरे के सामने हाथ से इशारा कर डायरेक्टर से कम्युनिकेशन करता है। सामान्यतः स्टूडियो में उपयोग होने वाला टाकबैक सिस्टम प्रोड्यूसरए डायरेक्टर और फ्लोर पर कार्य करने वाले लोगों को आपस में जोड़ता है। डायरेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश फ्लोर मैनेजर तक इसी सिस्टम द्वारा पहुंचते हैंए लेकिन कैमरे के सामने बैठे एंकर को निर्देशित करने का काम फ्लोर मैनेजर द्वारा किया जाता है। जब रिकार्डिंग शुरू होने वाली होेती है उस दौरान फ्लोर मैनेजर एंकर को इशारा कर तैयार रहने का निर्देश देता है।
               समाचार प्रसारण के समय सबसे पहले आवाज को चेक किया जाता है। वाचक लेपल माइक लगाने तथा कुर्सी पर ठीक तरह से बैठ जाने के बाद कैमरे मे देखकर कुछ बोलता है ताकि उसके स्वर के स्तर को देखा और संयोजित किया जा सके। यह कार्य ठीक होने पर फ्लोर मैनेजर अपने हेड फोन पर प्रस्तुतकर्ता का निर्देश सुन कर जोर से बोलकर कहता है। अब स्टूडियो के अन्दर सब लोग चुप हो जायेंगे और  हर तरह का संचार संकेत भाषा में होगा। समाचार शुरू करने के लिये फ्लोर मैनेजर कैमरे और वाचक के बीच सीधी रेखा से जरा हट कर या नीचे बैठकर प्रस्तुतकर्ता से मिलने वाले निर्देशों को संकेत द्वारा वाचक तक संप्रेषित करता है।

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